सेक्टर 27, नया रायपुर: विकास, जनसंख्या और निवासियों की चुनौतियाँ

नया रायपुर, छत्तीसगढ़ की महत्त्वाकांक्षी परियोजना, एक भविष्योन्मुखी शहर के रूप में विकसित की जा रही है। इसी कड़ी में, सेक्टर 27 आवासीय और संस्थागत विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल (CGHB) और नया रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRDA) द्वारा इस सेक्टर में विभिन्न आवासीय योजनाओं को मूर्त रूप दिया गया है। आइए, सेक्टर 27 के विकास, यहाँ की जनसंख्या और निवासियों को पेश आ रही समस्याओं पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं।

विकास की रूपरेखा

सेक्टर 27 को एक सुनियोजित आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है। यहाँ स्वतंत्र बंगले और बहुमंजिला इमारतें (फ्लैट्स) दोनों तरह के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने यहाँ विशेष आवासीय परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त “स्वयं का घर” उपलब्ध कराना है।

विकास के प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:

  • आधुनिक शहरी डिजाइन: चौड़ी सड़कें, व्यवस्थित लेआउट और हरियाली पर ध्यान दिया गया है।
  • बुनियादी सुविधाएँ: भूमिगत केबल प्रणाली, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जल पुनर्चक्रण और वर्षा जल संचयन जैसी आधुनिक सुविधाएँ यहाँ मौजूद हैं। भूमिगत सीवरेज प्रणाली से स्वच्छता और भूमिगत बिजली आपूर्ति से दुर्घटनाओं का जोखिम कम हुआ है।
  • कनेक्टिविटी: सेक्टर २७ नया रायपुर के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों और पुराने रायपुर शहर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
  • सामाजिक अवसंरचना: सामुदायिक भवन, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और वाणिज्यिक परिसर (दुकानें) जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है या योजनाबद्ध है ताकि निवासियों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
  • पर्यावरण संरक्षण: क्षेत्र में वृक्षारोपण और सड़कों के दोनों ओर एवेन्यू प्लांटेशन पर जोर दिया गया है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा सेक्टर 27 में एक क्लब हाउस के साथ कन्वेंशन और मनोरंजन सुविधा विकसित करने की भी योजना है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर डिज़ाइन, वित्त, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (DFBOT) के आधार पर विकसित किया जाना है। यह परियोजना सेक्टर 27 की आवासीय टाउनशिप के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति मानी जा रही है।

जनसंख्या

सेक्टर 27 में बसाहट धीरे-धीरे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा विकसित पहली आवासीय कॉलोनी, जिसकी क्षमता 2,665 परिवारों की थी, का उद्घाटन 2013 में किया गया था। इसमें 1,832 फ्लैट और 833 स्वतंत्र बंगले शामिल थे। हालाँकि, नया रायपुर के कई सेक्टरों की तरह, सेक्टर 27 में भी पूर्ण रूप से बसाहट होने में अभी समय लग रहा है। सटीक और नवीनतम जनसंख्या आँकड़े उपलब्ध न होने के कारण, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यहाँ हजारों परिवार निवास कर रहे हैं, और विभिन्न परियोजनाओं के पूरा होने के साथ यह संख्या और बढ़ेगी।

निवासियों की समस्याएँ

विकास और आधुनिक सुविधाओं के बावजूद, सेक्टर २७ और वृहत्तर नया रायपुर क्षेत्र के निवासियों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:

  • पूर्ण बसाहट का अभाव: कई सेक्टरों में अभी भी विरानी छाई हुई है, जिससे सामाजिक और वाणिज्यिक गतिविधियाँ सीमित हैं। कई मकान खाली पड़े हैं, जो धीरे-धीरे जर्जर हो रहे हैं।
  • सार्वजनिक परिवहन की कमी: कुछ निवासियों ने सार्वजनिक परिवहन की अपर्याप्तता को एक बड़ी चुनौती बताया है।
  • लास्ट माइल कनेक्टिविटी” की समस्या:
  • नया रायपुर (अब नवा रायपुर अटल नगर), छत्तीसगढ़ की योजनाबद्ध राजधानी, आधुनिक शहरी ढांचे और हरित वातावरण के लिए जानी जाती है। हालांकि, यहां पर “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” की कमी एक प्रमुख समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है।

    🚧 क्या है “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” की समस्या?
    “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” का अर्थ है — किसी व्यक्ति को अपने अंतिम गंतव्य, जैसे कि घर, कार्यालय, बस स्टॉप या मेट्रो स्टेशन से जोड़ने वाली अंतिम दूरी। नया रायपुर में भले ही मुख्य सड़कें और बस रूट्स उपलब्ध हों, लेकिन बस स्टॉप से रिहायशी क्षेत्रों या संस्थानों तक पहुंचना कठिन होता है।

    🧭 मुख्य समस्याएं:
    सार्वजनिक परिवहन की सीमित पहुंच:
    नया रायपुर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) की योजना तो है, लेकिन इसकी पहुंच केवल प्रमुख मार्गों तक ही सीमित है। सेक्टरों के अंदरूनी हिस्सों या कॉलोनियों तक बसें या ई-रिक्शा नहीं पहुंचते।
    ऑटो/ई-रिक्शा की अनुपलब्धता:
    शहर में पर्याप्त संख्या में ऑटो, ई-रिक्शा या साझा परिवहन उपलब्ध नहीं हैं, जिससे आम नागरिकों को पैदल चलकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
    पैदल और साइकिल पथ का अभाव या खराब स्थिति:
    कुछ जगहों पर फुटपाथ या साइक्लिंग ट्रैक हैं, लेकिन उनका रखरखाव खराब है या वे अधूरे हैं। रात में पर्याप्त स्ट्रीट लाइटिंग नहीं होने के कारण यह असुरक्षित भी हो जाता है।
    स्मार्ट मोबिलिटी का अभाव:
    स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे इस शहर में अभी तक कोई व्यापक मोबाइल एप आधारित लास्ट माइल ट्रांसपोर्ट सेवा (जैसे कि ई-साइकिल, स्कूटर शेयरिंग आदि) शुरू नहीं हो सकी है।

    🙍 निवासियों पर प्रभाव:
    वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को स्कूल, अस्पताल या बाजार जाने में काफी कठिनाई होती है।
    नौकरीपेशा लोगों को रूट से दूर घर होने पर वाहन की मजबूरी होती है।
    शहर की खालीपन की छवि और सामाजिक अलगाव की भावना को बढ़ावा मिलता है।

    🔄 समाधान की आवश्यकता:
    सेक्टर-स्तर पर ई-रिक्शा, शटल सेवा या बाइक-शेयरिंग जैसे विकल्प उपलब्ध कराना।
    सार्वजनिक परिवहन का विस्तार सेक्टरों के अंदर तक करना।
    मोबाइल एप आधारित ट्रांजिट नेटवर्क तैयार करना।
    फुटपाथ और साइकिल ट्रैक को बेहतर बनाना और उनका रखरखाव सुनिश्चित करना।
  • रोजगार के अवसरों की कमी: नया रायपुर में रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के कारण भी लोग यहाँ बसने से हिचकिचाते हैं।
  • बाजार और वाणिज्यिक गतिविधियों की कमी: दैनिक जरूरतों और अन्य खरीदारी के लिए सुलभ बाजारों की कमी महसूस की जाती है।
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: कुछ क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ व्यक्त की गई हैं, साथ ही स्ट्रीट लाइटिंग की अपर्याप्तता भी एक मुद्दा है।
  • सरकारी मकानों की गुणवत्ता और रखरखाव: कुछ लोग सरकारी मकानों की मजबूती और गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त करते हैं, और खाली पड़े मकानों का रखरखाव भी एक चुनौती है।
  • भूमि अधिग्रहण और संबंधित नियम: नया रायपुर के आसपास के 27 गाँवों में एनआरडीए के कुछ नियमों, विशेषकर जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक, के कारण स्थानीय ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिसका असर अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्र के समग्र विकास और बसाहट पर पड़ सकता है।

इन चुनौतियों के बावजूद, नया रायपुर और विशेष रूप से सेक्टर 27 , विकास की ओर अग्रसर है। सरकार और संबंधित प्राधिकरण इन समस्याओं के समाधान और क्षेत्र को और अधिक जीवंत बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। आने वाले समय में, जैसे-जैसे सरकारी कार्यालय और निजी कंपनियाँ यहाँ स्थापित होंगी, और कनेक्टिविटी बेहतर होगी, सेक्टर 27 एक आकर्षक आवासीय केंद्र के रूप में और विकसित होगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *